फिर कोई बेटी-बहन निर्भया नहीं बनेगी !

Digital BiharBoard Team
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 हिन्दुस्तान में 2017 में 33658 रेप केस दर्ज हुए थे और बिना दर्ज हुए कितने होंगे ये किसी को नहीं पता।

हिन्दुस्तान में हर 15 मिनट पर एक लड़की/ महिला का बलात्कार हो जाता है। सोच कर ही दिल शिहर उठता है कि हम ऐसे देश में रहते हैं जहां आप अपने बाथरूम से नहा कर निकलते होंगे या आप खाना खाते होंगे उतनी ही देर में एक लड़की किसी की गन्दी सोच या हवस का शिकार हो जाती हैं।





हम ऐसे देश में रहते हैं जहां हाईवे तो बड़ी-बड़ी बना दी गई है पर ऐसा कोई गली नहीं बनाया जहां लड़कियां बिना डर के आजादी से चल सके।
हम ऐसे देश में रहते हैं जहां गाय कटने पर तो लोगो को जला देते हैं , पर जहां देश की बेटी जलती हैं तो उसके आरोपी का गला नहीं काटा जाता।
और सुनिए यहां ना मै किसी नेता के विरुद्ध लिख रही हूं और ना ही किसी राजनैतिक पार्टी के विरुद्ध ,मै लिख रही हूं आपके और अपने विरुद्ध।
वो गलती लिख रही हूं जो मुझे लगता है हम कर रहे हैं। और आज से नहीं सालो से गलती करते आ रहे हैं।
जो कि मुझे लगता है सही कारण हैं रेप होने का।
बचपन से जो हमने लड़के और लड़कियों में फर्क पैदा किया हैं ना दिमाग में वो हैं सही कारण।
जब 10-11 साल का लड़का मोबाइल पर पापा के साथ बैठकर मोबाइल पर गेम खेल रहा होता है ना और उसकी 9-10 साल की छोटी बहन रसोई में मम्मी की मदद कर रही होती है , या घर में झाडू लगा रही होती है या पापा के लिए चाय लेकर आती हैं।
अरे उस टाइम हो रही है वो गलती।।।
लडके को सिखाओ की एक कप चाय पापा को देना सिर्फ बेटी का काम नहीं हैं।
जब वो लड़की 13-14 साल की होती हैं और उसकी महामारी स्टार्ट होती है और भाई पूछता है कि क्यों उसकी बहन ठीक से खाना नहीं खा रही तो मां बोलती हैं कि बस तबीयत ठीक नहीं।
अरे उस टाइम हुई है वो गलती।
बताओ उसको कि “जितना खून देख कर कुछ लड़के बेहोश हो जाते हैं उतना खून अपने शरीर एक दिन में बहा देती हैं लड़की”।।
जब नवी कक्षा में बायोलॉजी कि किताब में रिप्रोडक्शन चैप्टर आता है और टीजर उस चैप्टर को जल्दी में निपटा देते हैं ।
अरे तब होती है गलती।।
जब स्कूल में सेक्स एजुकेशन नहीं मिलती ना तब जाकर सब लड़के अपने स्मार्ट फोन में सेक्स एजुकेशन खोजते हैं ,और खोजते खोजते उस वेबसाइट पर पहुंच जाते हैं।
और पहुंचे भी क्यों नहीं घर का कोई काम देते भी तो नहीं हो उसको, पानी भी बहन देंगी तब पिएगा।
तो बेचारे के हाथ में मोबाइल भी हैं और ढेर सारा समय भी ,तो अब हमेशा क्लास तो चलती नही तो देखेगे क्या?
घर का सारा काम मां बहन करेगी फिर भी मां से ऊंची आवाज में बात करेगा। और मां कुछ बोलेगी नहीं।
और ऊंची आवाज में बात करे भी क्यों ना पापा थप्पड़ मार सकते हैं तो वो अगर ऊंची आवाज में बात नहीं किया तो मर्दानगी कैसे जाहिर होंगी???
अरे यहां भी होती हैं गलती।।
तो इतना कुछ होने के बाद आप उस लड़के से ये उम्मीद करते हैं कि वो लड़की को अपने सामान समझे । अरे जो अपनी बहन को अपने बराबर नहीं समझता वो बाहर की लड़की को क्या अपने बराबर का इंसान समझेगा ??
और कुछ बाते हैं जो मुझे आज तक समझ नहीं आई।
जब आप और हम सैनिटरी नैपकिन दुकान से खरीद कर लाते हैं तो काला प्लास्टिक या कागज में लपेट कर क्यों लाते हैं????
क्या छुपा रहे हैं हमारे लड़के या आदमियों से और क्यों??
और मुझे लगता है कि जितना हम इसे छुपाते हैं ना उतना ही कच्ची उम्र के बच्चे जानने को उत्सुक होकर गलत वेबसाइट या गलत दोस्तो के संगत में फस जाते हैं।
जो कि बाद में बहुत ही गन्दी मानसिकता में तब्दील हो जाता हैं।
हिन्दुस्तान के ज्यादातर घरों में पुरुषों के इनर वियर तो खुलम खुल्ला सूखा सकते हैं। पर महिलाओं का इनर वियर एकदम कोने में या छुपा कर सुखाते हैं ।
और मुझे कभी समझ नहीं आया कि ऐसा क्यों है?
हसीं आएगी ये सब बातो पर लेकिन जरा सोच कर देखिए क्या ये सब अंतर नहीं है ???
अरे इतनी जगह गलतियां की हैं ना हमने कि लिखते लिखते हिन्दुस्तान में 2 लड़कियो का रेप हो जाएगा।
तो बस इतना ही बोलूंगी कि मोमबत्ती जला कर रोड पर निकलने से पहले और उन आरोपी को गाली देने से पहले,अपने घर के लड़के को ठीक करते हैं।
क्योंकि रेप करने वाला किसी ना किसी का भाई बेटा ही होता है।
जब बेटी टीवी देख रही हो तो बेटा से चाय भिजवाते हैं।
बेटे और भाई को पीरियड्स के बारे में खुद बताते हैं।
कभी कभी लड़के को भी कपड़ा धूप से उठा कर लाने बोलते हैं और बहन की इनर वियर भी उतार कर लाने बोलते हैं ताकि वो कभी किसी दूसरी लड़की की इज्जत ना उतारे।
स्कूल में सेक्स एजुकेशन को अच्छे से पढ़वाते हैं ।
हम अपने भाई -बेटे को लड़का से पहले इंसान बनाते हैं।
आप अपने भाई-बेटे को लड़का से पहले इंसान बनाइए।
फिर कोई बेटी-बहन निर्भया नहीं बनेगी।
हम अपने भाई -बेटे को लड़का से पहले इंसान बनाते हैं।
आप अपने भाई-बेटे को लड़का से पहले इंसान बनाइए।
फिर कोई बेटी-बहन निर्भया नहीं बनेगी।

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